Lado Sakhi Yojana: हरियाणा सरकार ने तीज के पावन अवसर पर राज्य की महिलाओं के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अंबाला में ‘लाडो सखी योजना’ और डिजिटल लर्निंग इकोसिस्टम की शुरुआत करते हुए महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। इस अवसर पर महिलाओं, बेटियों और छात्राओं के लिए शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण से जुड़ी कई नई योजनाओं की घोषणा की गई।
बेटी के जन्म पर मिलेगा प्रोत्साहन
‘लाडो सखी योजना’ के तहत मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अब बेटी के जन्म पर परिवार को ₹1000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य समाज में बेटियों की स्थिति को बेहतर बनाना और उनके जन्म को उत्सव के रूप में मान्यता देना है।
महिलाओं को मिलेगा रोजगार का नया जरिया
राज्य सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सेल्फ हेल्प ग्रुप (SSG) की सदस्य महिलाओं को राशन डिपो देने का निर्णय लिया है। यह कदम उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा और स्थायी आय का जरिया प्रदान करेगा।
महिला उद्यमियों को बढ़ावा
सरकार ने यह भी घोषणा की कि जिन महिलाओं के पास छोटा व्यवसाय है या जो पारंपरिक हस्तशिल्प से जुड़ी हैं, उन्हें एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह मदद उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में कारगर होगी।
छात्राओं को ई-लर्निंग किट
मुख्यमंत्री ने छात्राओं के लिए ‘ईट-यूथ सेल्फ किट’ देने की भी घोषणा की है। इस डिजिटल किट में पढ़ाई और करियर से जुड़ी सामग्री होगी। हर पात्र छात्रा को इस योजना के अंतर्गत ₹10,000 की सहायता राशि दी जाएगी ताकि वे डिजिटल शिक्षा से लाभान्वित हो सकें।
डिजिटल लर्निंग इकोसिस्टम की शुरुआत
कार्यक्रम में ‘डिजिटल लर्निंग इकोसिस्टम’ लॉन्च किया गया, जिसके जरिए महिलाओं को ऑनलाइन स्किल ट्रेनिंग, व्यापार से जुड़ी जानकारी और डिजिटल मार्केटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे वे शिक्षा के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों में भी सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगी।
‘हरियाणा स्टेट चैप्टर’ की स्थापना
महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ‘हरियाणा स्टेट चैप्टर’ का गठन किया जाएगा। इसके अंतर्गत 700 से अधिक महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण, नेटवर्किंग के अवसर और वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगी।
हर जिले में महिला SSG को राशन डिपो
राज्य सरकार की योजना के अनुसार, हर जिले में कम से कम एक राशन डिपो महिला स्वयं सहायता समूह को सौंपा जाएगा। यह पहल महिलाओं को आर्थिक स्थिरता के साथ सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रदान करेगी।